
MANI MAHESH LAKE
मणिमहेश यात्रा:हिमाचल प्रदेश
Mani mahesh Yatra in hindi , Manimahesh Yatra Route
मणिमहेश हिमाचल के जिला चंबा के भरमौर क्षेत्र में लगभग 4080 मीटर की ऊंचाई पर स्तिथ है।
इसी पर्वत के आँचल में पवित्र झील है। जिसे मणिमहेश झील के नाम से जाना जाता है।
कैलाश मानसरोवर झील की तरह इस झील को भी एक पवित्र झील माना जाता है। यह हिमाचल के प्रमुख तीर्थ स्थलों में एक है।
13000 फुट की ऊंचाई पर प्रकृतिक झील का होना दैवीय शक्ति का प्रमाण है ।
देश विदेश से यात्री यहाँ पहुचते है। पवित्र मणिमहेश यात्रा हर साल जुलाई माह से आरम्भ होती है और अक्टूबर तक चलती है ।
सात दिनों तक एक मेला भी आयोजित होता है और जन्माष्टमी तक चलता है। इसी दिन से मुख्य पुजारी यात्रा प्रारंभ करते है ।
झील की परिक्रमा करने से पहले झील में स्नान करके संगमरमर से निर्मित भगवान शिव की चौमुख मूर्ति की पूजा की जाती है। यहाँ पहुँचने का सरल रास्ता चंबा से है । चंबा से मणिमहेश की दूरी लगभग 90 की० मी० की है ।
चंबा से भरमौर तथा भरमौर से हडसल तक बस तथा गाड़ी से पहुचते हैं। हडसल से आगे करीब 16 कि० मी० का सफ़र पैदल ही तय करना पड़ता है। पैदल रास्ता बहुत चडाईदार तथा मुश्किलों से भरा है ।
आक्सीजन की कमी के कारण एक दिन में थोडा ही सफ़र तय होता है । हडसल से आगे धन्चो यात्रा का पहला पड़ाव आता है ।जिस की दूरी लगभग 6 कि०मी० है । यात्री यहाँ विश्राम करते है । विश्राम के लिए टेंट की व्यवस्था होती है । खाने पिने की व्यवस्था भी लोगों द्वारा की जाती है ।
आगे की यात्रा धन्चो से गौरीकुंड की है (दूरी लगभग 7 कि०मी०)। गौरीकुंड में एक गौरीकुंड तथा दूसरा शिव क्रोती नामक दो जलाशय है। झील को प्रस्थान करने से पहले महिला तीर्थयात्री गौरीकुंड में और पुरुष तीर्थयात्री शिव क्रोत्री में पवित्र स्नान करते हैं ।
गौरीकुंड से झील की दुरी लगभग 1 कि० मी० है। यात्रा को सुगम बनाने के लिए भरमौर से गौरीकुंड तक हेलीकॉप्टर के सेवा भी उपलब्ध रहती है। हेलीकॉप्टर में भरमौर से गौरीकुंड 7 मिनटों में पहुचते है । यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन करवाना अनिवार्य है। रजिस्ट्रेशन पहुच कर तथा ऑनलाइन भी करवाई जा सकती है।
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